स्वागतम और सुस्वागतम में क्या अंतर है, Swagatam vs Suswagatam
कहीं पर आप स्वागतम तो कहीं पर सुस्वागतम लिखे हुए देखते होंगे. लेकिन क्या आप जानते है की इसमें क्या अंतर है.
यह आप जानते है की "स्वागतम" और "सुस्वागतम" दोनों ही हिंदी शब्द हैं हम जानते है की इसका मतलब होता है "आपका स्वागत है"।
इन दोनों शब्दों में थोड़ा- बहुत अंतर इस प्रकार है:
स्वागतम और सुस्वागतम में क्या अंतर है, Swagatam vs Suswagatam |
स्वागतम (Swagatam): स्वागत के लिए यह एक सामान्य रूप से प्रयुक्त होने वाला सब्द है
इसका मतलब होता है "आपका स्वागत है" या "आपका आगमन हुआ है"। जिसमे स्वागत का भाव दीखता है.
जब कोई व्यक्ति या समूह किसी अन्य व्यक्ति या समूह का स्वागत करता है। तो सामान्यतः ऐसे सब्द का उपयोग होता है.
सुस्वागतम (Suswagatam): इस सब्द का भी प्रयोग स्वागत के लिए हीं किया जाता है.
"सुस्वागतम" शब्द में "सु" शब्द जुड़ने से मतलब होता है "आपका सुस्वागत है"।
"सु" का अर्थ यह दर्शाता है की स्वागत बहुत अच्छे और प्रसन्नता भरे तरीके से किया जा रहा है।
स्वागत का भाव कुछ ज्यादा गहरा हो जाता है.
"सुस्वागतम" शब्द ज्यादा उत्तम होता है और प्रसन्नता भरे स्वागत की परिप्रेक्ष्य में प्रयुक्त होता है
जबकि "स्वागतम" सब्द में ऐसा एक सामान्य स्वागत का संकेत करता है।
तो यह था जानकारी स्वागत और सुस्वागत से जुड़े. जिसमे आपने जाना की स्वागतम और सुस्वागतम में क्या अंतर है?
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