गुरु पूर्णिमा क्या है?
- What Is Guru Purnima In Hindiजैसा की आप जानते है की हमारे देश में गुरु और शिष्य का रिश्ता बड़ा ही पवित्र माना गया हैं एवं गुरु को देव तुल्य माना गया हैं। गुरु को सम्मान और कृतज्ञता व्यक्त करने हेतु मनाया जाने बाला पर्व गुरु पूर्णिमा के नाम से जाना जाता हैं। मान्यता है कि गुरु पूर्णिमा के दिन अपने गुरुओं का आशीर्वाद लेने से जीवन सफल हो जाता है. और अपने गुरु के प्रति समर्पण और भक्ति भाव को दिखाती हैं। जो व्यक्ति इतना महान हो तो उसके लिए भी एक दिन होता है, वह दिन है 'गुरु पूर्णिमा'.
गुरु पूर्णिमा क्यों मनाई जाती?
- Why Is Guru Purnima Celebrated?कोई भी माता-पिता अपने बच्चे को जन्म दे सकते हैं और उसे पालन पोसन कर सकते हैं. लेकिन केवल एक गुरु ही उसकी प्रतिभा को पहचान सकता है और उसे सवार सकता है. उसे एक नई बिचारधारा के साथ अच्छे मार्ग पर ला सकता है.
एक गुरु ही है जो अपने शिष्य को गलत मार्ग से हटाकर सही रास्ते पर लाता है। पौराणिक काल से संबंधित ऐसी बहुत सी कथाएं सुनने को मिलती है जिससे ये पता चलता है कि किसी भी व्यक्ति को महान बनाने में गुरु का विशेष योगदान रहा है। रामायण से लेकर महाभारत तक गुरू का स्थान सबसे महत्वपूर्ण और सर्वोच्च रहा है।
गुरु पूर्णिमा कब मनाई जाता है?
- When Is Guru Purnima Celebrated?गुरु पूर्णिमा का यह पर्व महर्षि वेदव्यास को समर्पित है। मान्यता है कि इस दिन महर्षि वेदव्यास जी का जन्म हुआ था और गुरु पूर्णिमा का पर्व महर्षि वेदव्यास जी को समर्पित है. महर्षि वेदव्यास जी का जन्म आषाढ़ शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन हुआ था और हर वर्ष इसी दिन गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है.
महर्षि वेदव्यास का जन्म आषाढ़ पूर्णिमा के दिन आज से लगभग 3000 ई. पूर्व हुआ था और उनके द्वारा ही वेद, उपनिषद और पुराणों की रचना की गयी है। इसलिए गुरु पूर्णिमा का यह दिन उनकी समृति में मनाया जाता है।
माना जाता है कि इसी दिन महर्षि वेदव्यास जी ने अपने शिष्यों एवं मुनियों को सर्वप्रथम भागवत गीता का ज्ञान दिया था. गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. शास्त्रों के अनुसार महर्षि वेदव्यास जी को तीनों कालों का ज्ञाता माना जाता है. हिन्दू धर्म के चारों वेदों का विभाग किया. महर्षि वेदव्यास जी ने ही श्रीमद भागवत की रचना की और अठारह पुराणों की रचना की.
गुरु पूर्णिमा का पर्व कैंसे मनाया जाता है?
- Which Festival Of Guru Purnima Is Celebrated?गुरु पूर्णिमा का यह दिन शिष्य के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है. गुरु पूर्णिमा के दिन गुरुओं का पूजन किया जाता है। गुरु की हमारे जीवन में महत्व को समझाने के लिए गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है। गुरु पूर्णिमा पर लोग अपने गुरुओं को उपहार देते हैं और उनकाआर्शीवाद लेते हैं। जिन लोगों के गुरु अब इस दुनिया में नहीं रहे वे लोग भी गुरुओं की चरण पादुका का पूजन करते हैं। माना जाता है कि इस दिन गुरुओं का आर्शीवाद लेने से जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। शास्त्रों में गुरु को परम पूजनीय माना गया है।
गुरु पूर्णिमा का महत्व
- Importance Of Guru Poornimaहमारे जीवन में सबसे ज्यादा महत्व गुरु का होता है. अध्यात्म मार्ग में गुरु के सहारे ही प्रगति संभव होती है। गुरु ऐसा पारस है कि शिष्य को अपने से भी श्रेष्ठ बना देता है। गुरु-शिष्य का संबंध एक जन्म का नहीं होता, जन्म-जन्मान्तरों का होता है। वह लौकिक नहीं, अलौकिक होता है। वह स्वार्थ का नहीं, समर्पण और करुणा का गठजोड़ जैसा होता है।
ऐसा शास्त्रों में कहा गया है कि गुरु अपने शिष्य के जीवन को अंधकार से हटाकर प्रकाश की ओर ले जाता है. गुरु पूर्णिमा वर्ष भर में पड़ने वाली सभी पूर्णिमा से खास मानी जाती है।
गुरु एक ऐसी टकसाल है, जो अपने सांचे में अपने प्राणबल, तपोबल के सहारे प्रखर व्यक्तित्वों का निर्माण करता है। साधारण को असाधारण और तुच्छ को महान बनाता है। देश ने जब भी महानता का शिखर स्पर्श किया है, उसके पीछे सद्गुरुओं का हाथ रहा है। कभी भारत जगतगुरु ही था। गुरु समग्र विश्व का मित्र होता है।
यह पुराणों में कहा गया हैं की गुरु ब्रह्मा के समान हैं और मनुष्य योनि में किसी एक विशेष व्यक्ति को गुरु बनाना बेहद जरूरी हैं। क्योंकि गुरु अपने शिष्य का सर्जन करते हुए उन्हें सही राह दिखाता हैं। इसलिए गुरु पूर्णिमा के दिन बहुत से लोग अपने ब्रह्मलीन गुरु या संतो के चरण एवं उनकी चरण पादुका की पूजा अर्चना करते हैं। गुरु के प्रति समर्पण भाव गुरु पूर्णिमा के दिन देखा जा सकता हैं।