http और https क्या है?, http vs https difference
आज के इस Article में
हम आपको HTTP और HTTPS के बारे
में बिस्तार से पूरी जानकारी देने बाले है। इसमे आपको HTTP और HTTPS
से जुड़े सवालो के जवाब मिल जायेगा। जब भी हमें इंटरनेट पर किसी चीज की
जानकारी लेनी परती है तो सर्च करने पर अनेको webiste आते
है।
जिसमे से कुछ वेबसाइट के url के फर्स्ट में ही http एबं कुछ में https लगे होते है। लेकिन कुछ लोग http बाले वेबसाइट को भी ओपन कर देते है क्योकि यह मालूम ही नहीं होता है कि क्या यह वेबसाइट सुरक्षित है या नहीं।
जिसमे से कुछ वेबसाइट के url के फर्स्ट में ही http एबं कुछ में https लगे होते है। लेकिन कुछ लोग http बाले वेबसाइट को भी ओपन कर देते है क्योकि यह मालूम ही नहीं होता है कि क्या यह वेबसाइट सुरक्षित है या नहीं।
https vs https, http kya hai, https kya hai |
आपको बता दू की यह वेबसाइट बिलकुल सिक्योर नहीं
होता है और ऐसे वेबसाइट पर डेटा का आदान-प्रदान करने से आपको भारी नुकसान उठाने पर
सकता है। क्यों और कैसे इसी के बारे में हम आगे बताने बाले है।
HTTP क्या है? :- http full form/ http in hindi
HTTP का Full Form होता
है Hyper text Transfer Protocol. इसके ही माध्यम से हम internet पर search करते है तथा डेटा को आदान-प्रदान कर पते है। यह
Web Browser के सर्वर से जोड़ता है।
अब तो Browser के HTTP
लिखने की कोई आवश्यकता नहीं होती है वह डिफ़ॉल्ट होता है। जैसे कि हम कुछ
भी search करते है तो वह खुद HTTP में
convert कर लेता है। http Protocol के रूप में एक layer की तरह काम करता है। यह Request और Response Protocol है जो Clients और Server
के बिच Communication का काम करता है
यह जान ले की HTTP Secure पूरी तरह से नहीं है। आसानी से इसे हैक करने का चांस रहता है जिस website
पर Payment का option है और
वह HTTP में है। वैसे स्थिति में आप अगर पेमेंट करते है
तो सारा Detail हैक होने की डर रहती है। आप यह जान ले की HTTP
सिक्योर नहीं है और ऐसे साईट पर किसी भी प्रकार की डेटा का आदान-प्रदान
न करे।
HTTP के प्रयोग किये बिना Server से हम किसी भी प्रकार की डाटा Access नहीं
कर पायेंगे। यदि हमें Server से connection बनाकर
रखना है तो HTTP का प्रयोग अबस्य करना पड़ेगा। HTTP का Process होता है कि Client को file
की ज़रूरत परने पर उसका Request HTTP Server को भेजता
देता है उसके बाद Server उस File को ढूढ़
कर Client को Send कर देता
है।
https क्या है?:-, https full form/ https in hindi
Https का full form होता
है hypertext Transfer Protocol Secured. यह HTTP से बाद का एबं बुल्कुल secure version है।
यह जान ले की 1994 में Netscape Communication ने नेटस्केप
नेविगेटर वेब ब्राउज़र के लिए HTTPS बनाया था और मूल
रूप से HTTPS का उपयोग SSL प्रोटोकॉल
के साथ हुआ था।
अपने वेबसाइट को सिक्योर करने के लिए अधिकतर लोग domain के साथ SSL certificate खरीदते है जो HTTPS का काम करता है। इससे visitors वेबसाइट पर सेफ एबं सुरक्षित महसूस करते है।
अपने वेबसाइट को सिक्योर करने के लिए अधिकतर लोग domain के साथ SSL certificate खरीदते है जो HTTPS का काम करता है। इससे visitors वेबसाइट पर सेफ एबं सुरक्षित महसूस करते है।
HTTPS को दूसरे शब्दों में SSL भी कहते
है। यानी http में s add करने
के लिए ssl सर्टिफिकेट लेने होते है जिसका पूरा नाम secure
socket layer होता है। HTTP लगा
हुआ वेबसाइट पर कभी भी सूचना का आदान–प्रदान नहीं करना
चाहिए।
जैसे ऑनलाइन बैंकिंग हो या ऑनलाइन शॉपिंग इसमे से कोई भी करना सुरक्षित नहीं होता है। जबकि Https का उपयोग करना बिलकुल सुरक्षित होता है। ऑनलाइन गोपनीय लेनदेन की सुरक्षा के लिए वेबसाइट में https का इस्तेमाल किया जाता है।
जैसे ऑनलाइन बैंकिंग हो या ऑनलाइन शॉपिंग इसमे से कोई भी करना सुरक्षित नहीं होता है। जबकि Https का उपयोग करना बिलकुल सुरक्षित होता है। ऑनलाइन गोपनीय लेनदेन की सुरक्षा के लिए वेबसाइट में https का इस्तेमाल किया जाता है।
HTTPS डिफ़ॉल्ट रूप से पोर्ट 443 का उपयोग करता हैं। ऐसे
URL की सुरुआत में "https: / / " लगे होते हैं। जबकि HTTP डिफ़ॉल्ट रूप से
पोर्ट 80 का उपयोग करता हैं। ऐसे URL की सुरुआत में
"http: / / " लगे होते हैं।
http और https में अंतर:- , http vs https difference
HTTP URL की शुरु में http: / / लगा
होता है। जबकि HTTPS बाले URL की सुरु
में https: / / लगा होता है।
ऐसे वेबसाइट जिसपर डेटा का आदान-प्रदान होता है।
जैसे https लगा हुआ वेबसाइट का प्रयोग ऑनलाइन shopping
तथा banking को सुरक्षित करने के लिए करते है।
HTTP बिलकुल ही सिक्योर नहीं है। जबकि HTTPS पूर्ण रूप से बिलकुल सिक्योर है।
HTTP में डाटा बिना किसी एन्क्रिप्शन करके भेजे जाते
है। जबकि HTTPS में डाटा encrypt करके
भेजे जाते है।
किसी भी वेबसाइट के लिए HTTP का सर्टिफिकेट फ्री में मिलता है। इसका कोई शुल्क नहीं देना परता है।
लेकिन ऐसा HTTPS में नहीं है। इसमे SSL (secure Sockets
Layer) अलग से खरीदना पड़ता है।
Https लगा हुआ वेबसाइट सुरक्षित होने के कारन इसपर visitors
ज़्यादा आते है और सुरक्षित महसूस करते है। जबकि http लगा हुआ वेबसाइट पर नहीं।
हमें उम्मीद है कि http और https
क्या है और इन दोनों में क्याँ अंतर है। आप समझ गये होंगे और अब किसी
भी वेबसाइट को विजिट करने पर यह मालूम चल जायेगा की यह सुरक्षित है या नहीं।
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