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On-Page SEO क्या है? ब्लॉग की ट्रैफिक/ रैंकिंग बढ़ाये

On-Page SEO क्या है? 

On page seo definition, on page seo meaning in hindi ब्लॉग के अंदर कुछ सेटिंग और आर्टिकल लिखते बक्त कुछ Method को फॉलो करना परता है ताकि पोस्ट ज्यादा-से-ज्यादा रैंक करे उसे On-Page SEO कहते हैं.



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On-Page SEO करना क्यों जरुरी है? On page seo factors



SEO किसी भी website की ranking increase करने के लिये किया जाता है। हमें अपनी ब्लॉग को जब तक on page SEO नहीं करेंग तब तक हमारे ब्लॉग की पोस्ट फर्स्ट पेज पर रैंक नहीं करेगी। जब भी कोई पोस्ट अगर सर्च इंजन के फर्स्ट पेज के पहले नंबर पर रैंक कर जाता है तो इससे पूरे ब्लॉग को रैंक करने में फायदा होता है।



On-Page SEO और Off-Page SEO



अपने ब्लॉग में हमें किसी भी पोस्ट को लिखते वक़्त Blog या पोस्ट के अन्दर Optimization के जिस तरिके को अपनाना और follow करना परता है वह On-Page SEO कहलाता है।


जबकि पोस्ट के बाहर हमें अपनी ब्लॉग या पोस्ट के Optimization के जिस तरिके को अपनाना और follow करना परता है वह Off Page SEO कहलाता है।



On-Page SEO कैसे करते है? page seo techniques.


on page search engine optimization


इसमे कीवर्ड रिसर्च / टाइटल / परमालिंक / मेटा डिस्क्रिप्शन / सही स्थान पर कीवर्ड का प्रयोग / Content की Quality / image optimization / सही जगह पर Headings का इस्तेमाल / Internal और External Linking का प्रयोग करते है।


ON Page Seo से जुड़ी इन सभी Points पर हम टॉपिक वाइज बिस्तर से जानने की कोसिस करेंगे।



Post Title



इसमे Post से जूरी सही कीवर्ड रिसर्च करके पोस्ट के टाइटल में लगाया जाता है। पोस्ट को Rank करने में इसका बहुत महत्बपूर्ण योगदान होता है।


क्योकि किसी भी पोस्ट को सर्च करने पर उसका permalink के साथ ऊपर में टाइटल आता है और वही टाइटल Reader को attract करता है। इसलिए अच्छा-सा Title देने की कोसिस करे।



Post Permalink URL



किसी भी Post के title के बाद दूसरी सबसे महत्त्वपूर्ण चीज़ जो आपको ध्यान से set करनी चाहिए वह है वह है permalink का URL structure. ध्यान से मैन्युअली URL सेट करे साथ ही Useless URL को delete कर दे और search engine friendly URL बनाये।



Short URL



पर्मालिंक में Main keyword ज़रूर रखना चाहिए, साथ ही हमेसा छोटा url रखना चाहिए.



Heading Tags



Heading Tags हमेशा प्रॉपर वाइज रखना चाहिए जैसे सबसे पहले H1 फिर H2, H3. इसी वे में रखना चाहिए.


कभी भी H2, H3, के बाद H1नहीं रखना चाहिए क्योकि इससे भी आर्टिकल रैंक करने में या देखने में भी अच्छा नहीं होता है।



Meta Tags



Meta Tags ऐसे टैग्स होते है जो सर्च इंजन को आपके article के बारे में वैलुएबल इनफार्मेशन को short में provide करते हैं। एक बहुत ही मत्वपूर्ण मेटा टैग है मेटा description.


Meta Description से आप किसी भी आर्टिकल के बारे में छोटी-सी जानकारी देते है क्योकि search engine के results में आपकी site के title और link के नीचे मेटा डिस्क्रिप्शन display होती है। टाइटल के बाद जितनी बढ़िया आपकी meta description होगी उतने ही ज़्यादा आपके लिंक पर click होगी जिससे आपकी ranking बढ़ेगी।



Keyword Density



Keyword Density, आर्टिकल का main keyword होता है जिस टॉपिक पर आप आर्टिकल लिखते है। आर्टिकल का पहेला पैराग्राफ कोई ज़रूरी नहीं है कि ज़्यादा बड़ा हो। निर्भर करती है कि आर्टिकल की contant कैसी है। अगर आपका आर्टिकल का पहेला पैराग्राफ 100 सब्द का है तो उसमे लगभल 2% keyword Density रखनी चाहिए.



Images



आर्टिकल में image कर उपयोग करने से रैंकिंग के लिए अच्छा मन जाता है। आर्टिकल में हमेशा एक या दो आर्टिकल से जुरे image का उपयोग ज़रूर करे।


image का उपयोग करने से पहले अपने टाइटल keyword से rename कर दे साथ ही image का title txt और alt txt में भी title keyword डाले। ध्यान रहे की हमेशा image का size बड़ा हो तो उसे compress कर के ही अपलोड करे।



Word Count



हमें कोसिस करना चाहिए की आर्टिकल ज़्यादा से ज़्यादा बड़ी हो क्योकि यह माना जाता है कि बड़ी पोस्ट होने पर रैंक अच्छी करती है। बढ़िया content लिखना चाहिए और जितनी ज़्यादा बातें आप posts में बताते है उतना ही बेहतर होगा। साधारणतः लोग one thousand सब्द का पोस्ट लिखते है लेकिन हमेश कोसिस करे की post unique हो।



Site Loading speed



आपका वेबसाइट की क्या speed है, कही slow लोडिंग तो नहीं है। क्योकि गूगल slow वेबसाइट की रैंकिंग अच्छे से नहीं करती है। और लोग भी ऐसे slow वेबसाइट पर नहीं जाना पसंद करते है। यह आपके लिया गया होस्टिंग पर निर्भर करती है इसलिए होस्टिंग हमेशा वेबसाइट की ट्रैफिक के अनुसार अच्छे प्लान का लेना चाहिए जिसका सर्वर स्टोरेज SSD हो।



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Mobile Friendly



अपनी ब्लॉग या वेबसाइट के बारे में यह जानना ज़रूरी है कि मोबाइल फ्रेंडली है या नहीं, यह जानने के लिए आप गूगल में Mobile testing tool सर्च कर जानकारी ले सकते है। अगर मोबाइल फ्रेंडली नहीं है तो थीम चंगे कर mobile frendly और seo frendly थीम का उपयोग करे। क्योकि आजकल ज़्यादा लोग साईट विजिट मोबाइल पर ही करते है अगर मोबाइल फ्रेंडली नहीं है तो ऐसे में आपका साईट रैंक नहीं करेगा। इसलिए आप इसका ध्यान ज़रूर रखे।



Internal Links



Internal linking seo के लिए बहुत ज़रूरी है। उदाहरण के लिए-अपने दुसरे आर्टिकल को इस आर्टिकल से लिंक करते हैं तो उसे Internal लिंक्स बोलते हैं। जब हम किसी दूसरे ब्लॉग या वेबसाइट का लिंक अपनी वेबसाइट की पोस्ट में add करते हैं तो हम इस तरह से उन्हे एक बैकलिंक देते हैं। जो SEO के लिए बहुत अच्छा मन जाता है



External Links



जब हम अपनी पोस्ट में किसी दूसरी वेबसाइट को जोड़ते हैं तो इसे external linking बोलते हैं। इसे दुसरे वेबसाइट का backlink भी कहा जाता है। On Page Seo के लिए अच्छा मन जाता है। एक्सटर्नल लिंक करने से पहले आपको कई बातों का ध्यान देना ज़रूरी है कि उस साइट का DA और PA अच्छा हो साथ ही ध्यान रहे की वह वेबसाइट स्पैम न हो। 



Social Sharing Buttons



अपने ब्लॉग में सोशल शेयरिंग बटन ज़रूर लगाये ताकि visitor को आर्टिकल अच्छा लगने पर share भी कर सकता है। जिससे हमारे पेज व्यूज बढ़ेगी और रैंक करेगी।


हमारे द्वारा दिया गया यह इनफार्मेशन आपको अगर अच्छा लगा तो ज़रूर share kare.



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